भाई दूज (Bhai Dooj Festival) हिंदू भाइयों और बहनों के विशेष रिश्ते का उत्सव है; यह सिर्फ एक त्यौहार से कहीं अधिक है। यह उत्सव कार्यक्रम, जिसे अमावस्या के बाद दूसरे दिन मनाया जाता है, जिसे उचित रूप से दूज कहा जाता है, को बंगाल में भाई फोटा के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज के कुछ आकर्षक हिस्सों को आमतौर पर आम जनता के रीति-रिवाजों से परे भी अनदेखा कर दिया जाता है। हम इस पोस्ट में इस मनमोहक उत्सव के कुछ कम ज्ञात विवरणों का पता लगाएंगे।
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1. पौराणिक स्पर्श: यम की यमुना यात्रा – Bhai Dooj Festival
हिंदू पौराणिक कथाओं में भाई दूज (Bhai Dooj Festival) की दिलचस्प शुरुआत मृत्यु के देवता यम और उनकी बहन यमुना के साथ बताई गई है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस शुभ दिन पर यमुना ने यम का स्वागत आरती और माथे पर तिलक लगाकर किया, जो भाई-बहन की भक्ति का एक सुंदर प्रदर्शन था। यमुना के स्नेह से प्रभावित होकर, यम ने उन्हें वरदान दिया: इस दिन, जो कोई भी अपनी बहन से तिलक और आरती प्राप्त करेगा, उसे लंबे और सफल जीवन का आशीर्वाद दिया जाएगा।
2. भाऊ बीज: द ब्रदरली कनेक्शन
भाई दूज (Bhai Dooj Festival) को भारत के कुछ हिस्सों में भाऊ बीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी में, “भौ” शब्द का अर्थ है भाई, और “बीज” का अर्थ है अमावस्या का दूसरा दिन। भाइयों और बहनों के बीच मजबूत बंधन का यह सूक्ष्म संदर्भ उनके जीवन में इस दिन के महत्व पर जोर देता है।
3. महाराष्ट्र का भाव बिज: कुमकुम और उपहारों का एक अनुष्ठान
इस उत्सव को महाराष्ट्र में भाव बिज कहा जाता है। बहनें अपने भाइयों की आरती करने से पहले उनके माथे पर कुमकुम लगाती हैं। बदले में भाई सार्थक उपहार देकर एक-दूसरे के प्रति अपना स्नेह दर्शाते हैं। इस बातचीत से भाई-बहनों के बीच एक अनमोल स्मृति बनती है, जो एक-दूसरे के प्रति उनके सम्मान और आदर को दर्शाती है।
4. हरियाणा में भाथरू द्वितीया: एक पाक उत्सव
जैसे ही हम हरियाणा के बारे में बात करते हैं, हमें पता चलता है कि भाई दूज (Bhai Dooj Festival) को भाथरू द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की पाक कला का प्रदर्शन करने के लिए उनके लिए विशेष भोजन बनाती हैं। इस दिन के उपलक्ष्य में, भाई-बहन अर्थपूर्ण उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और अपने माथे पर तिलक लगाते हैं, जिससे परिवार के सदस्यों के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं।
5. गोवा में भाई बीज: नारियल-युक्त स्नेह
भाई दूज गोवा में मनाया जाता है, जहां इसे (Bhai Dooj Festival) ‘भाई बीज’ के नाम से जाना जाता है। आरती बहनों द्वारा की जाती है, लेकिन वे अपने भाइयों के माथे पर नारियल का पेस्ट लगाकर एक ट्विस्ट जोड़ती हैं। भाई इस भाव की सराहना करते हैं और उपहारों के साथ अपना प्यार दिखाते हैं, जिससे यह वास्तव में एक विशेष दिन बन जाता है।
ये कुछ अल्पज्ञात तथ्य हैं जो इस त्योहार (Bhai Dooj Festival) की समृद्धि को बढ़ाते हैं। यह केवल रीति-रिवाज ही नहीं हैं जो परिचित हैं, बल्कि क्षेत्रीय विविधताएं भी हैं जो दर्शाती हैं कि भारत कितना विविधतापूर्ण है। इसलिए, जब आप इस ‘भाई दूज’ (Bhai Dooj Festival) का जश्न मना रहे हों, तो इन छिपे हुए रत्नों को ध्यान में रखें और त्योहार के वास्तविक अर्थ को अपने पारिवारिक संबंधों के माध्यम से चमकने दें।